Tuesday, 11 May 2021

आचार्य रामचंद्र शुक्ल UGC/NET/JRF/HINDI PYQ/कथन

 आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रामचरितमानस को " लोगों के हृदय का हार कहा है और गोस्वामी जी की भक्ति पद्धति की सबसे बड़ी विशेषता है उसकी सर्वागपूर्णता"  रामचरितमानस में तुलसी केवल कवि रूप में ही नहीं उपदेशक के रूप में भी सामने आते हैं । " गोस्वामी जी के रचे 12 ग्रंथ प्रसिद्ध है जिनमें 5 बड़े और 7 छोटे हैं । " प्रेम और श्रृंगार का ऐसा वर्णन जो बिना किसी लज्जा और संकोच के सबके सामने पढ़ा जा सके गोस्वामी : का ही है ।"

'हम निसंकोच कह सकते हैं कि यह एक कवि ही हिंदी को प्रौढ़ साहित्यिक भाषा सिद्ध करने के लिए काफी है " तुलसीदास के लिए आधुनिक काल " अब तक पाई गई पुस्तको में यह " भाषा योगवासिष्ठ ' ही सबसे पुराना है , जिसमें गदय अपने परिष्कृत रूप में दिखाई पड़ता है ।

भाषा योगवासिष्ठ को परिमार्जित गदय की प्रथम पुस्तक और रामप्रसाद निरजनी को प्रथम प्रौढ़ गद्य लेखक मान सकते हैं । " " जिस प्रकार वे अपनी अरबी - फारसी मिली हिंदी को ही उर्दू कहते थे , उसी प्रकार संस्कृत मिली हिंदी को भाखा इंशा अल्ला खाँ के लिए " अभी हिंदी में कविता हुई कहाँ , सूर , तुलसी , बिहारी आदि ने जिसमें कविता की है , वह तो भाखा है , हिंदी नहीं " बाबू अयोध्याप्रसाद खत्री का कथन " आरंभिक काल के चारों लेखको मै इंशा की भाषा सबसे चटकीली , मटकीली , मुहावरेदार और चलती है।

 

असली हिंदी का नमूना लेकर उस समय राजा लक्ष्मणसिंह ही आगे बढ़े । इससे भी बड़ा काम उन्होंने यह किया कि साहित्य को नवीन मार्ग दिखाया और वे उसे शिक्षित जनता के सहचर्य में ले आए " - भारतेंदु हरिश्चंद्र के लिए " प्रेमघन में पुरानी परंपरा का निर्वाह अधिक दिखाई पड़ता है - यहां पुरानी परंपरा मतलब भाषा से हैं । " विलक्षण बात यह है कि आधुनिक गद्य साहित्य की परंपरा का प्रवर्तन नाटकों से हुआ " अंग्रेजी ढंग का मौलिक उपन्यास पहले - पहले हिंदी में लाला श्रीनिवास दास का परीक्षा गुरु निकला था।

देवकीनंदन खत्री के उपन्यासों के लिए ' उन्होंने साहित्यिक हिंदी ना लिखकर हिंदुस्तानी लिखी जो केवल इसी प्रकार की हल्की रचनाओं में काम दे सकती है । " - देवकीनंदन खत्री के लिए ' उपन्यासों का ढेर लगा देने वाले दूसरे मौलिक उपन्यासकार पंडित किशोरीलाल गोस्वामी हैं , जिनकी रचनाएं साहित्य कोटी में आती है । " साहित्य की दृष्टि से उन्हें हिंदी का पहला उपन्यासकार कहना चाहिए । "

 

पंडित किशोरीलाल गोस्वामी के लिए " यदि इंदुमति किसी बंगला कहानी की छाया नहीं है तो हिंदी की यही पहली मौलिक कहानी ठहरती है । इसके उपरांत ग्यारह वर्ष का समय , फिर दुलाईवाली का नंबर आता है । "

'यदि गदय कवियों या लेखकों की कसौटी है तो निबंध गदय की कसौटी है । "

भाषा की पूर्ण शक्ति का विकास निबंधों में ही सबसे अधिक संभव होता है । आचार्य शुक्ल ने उसने कहा था कहानी को अद्वितीय कहानी माना है । "

इसके पक्के यथार्थवाद के बीच , सुरुचि की चरम मर्यादा के भीतर , भावुकता का चरम उत्कर्ष अत्यंत निपुणता के साय संपुटित है । घटना इसकी ऐसी है जैसे बराबर हुआ करती है , पर उसमें भीतर से प्रेम का एक स्वर्गीय स्वरूप झांक रहा है केवल झांक रहा है । निर्लज्जता के साथ पुकार या कराह नहीं रहा है । उसने कहा था कहानी के लिए इसकी घटनाएं ही बोल रही है .

दिवेदी जी के लेखों को पढ़ने से ऐसा जान पड़ता है कि लेखक बहुत मोटी अक्ल के पाठकों के लिए लिख रहा " पडित गोविंदनारायण मिश्र के गद्य को समास अनुप्रास में गुंथे शब्दगुच्छों का एक अटाला समझिए , "

No comments:

Post a Comment

HINDI UGC NET MCQ/PYQ PART 10

HINDI UGC NET MCQ/PYQ हिन्दी साहित्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी-- " ईरानी महाभारत काल से भारत को हिन्द कहने लगे थे .--पण्डित रामनरेश त्रिप...