UGC/NET/JRF/HINDI KAVYASHASTRA/MCQ/PYQ
प्रश्न 24. 'कीरति भनिति भूति भलि सोई ।
सुरसरि सम सबकर
हित होई ॥ ये पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
उत्तर -
गोस्वामी तुलसीदासजी की ।
प्रश्न 25. 'धर्मार्थ काममोक्षेषु वैचक्षण्यं कलाम च ।
करोति प्रीति
कीर्तिं च साधु काव्य निषेधयणाम् ॥ " ये पंक्तियों किस आचार्य की हैं ?
उत्तर- भामह की
।
26 . औ मन जानि
कवित अस कीन्हा ।
मकु यह रहै जगत्
महं चीन्हा ॥ ये पंक्तियाँ किस कवि की है ?
उत्तर- मलिक
मोहम्मद जायसी की ।
प्रश्न 27. 'एक लहै तप पुंजन के फल, जो तुलसी अरु सूर गुसाईं ।
एक लहहिं बहु
सम्पत्ति के सुख , भूषन
ज्यौं दरबार बड़ाई ।
एकन को जस ही
सौं प्रयोजन , है
रसखानि रहीम की नाई ।
दस कवितन की
चरचा , बुधिसुख ,
बन्तनको सुखदै सबठाई ।
यह कथन किस
आचार्य का है ?
उत्तर - भिखारी
दास का ।
प्रश्न 28 . 'कीरति भनिति भूति भलि सोई ।
सुरसरि सम सब कह
हित होई ॥' यह
कथन किस कवि का है ?
उत्तर -
गोस्वामी तुलसीदासजी का ।
प्रश्न 29 . 'अपारे काव्य संसारे कविरेव प्रजापतिः ।
यथास्मै रोचते
विश्वं तदेव परिवर्तते । ' ये किस ग्रंथ की पंक्तियाँ हैं ?
उत्तर -
अग्निपुराण की ।
प्रश्न 30. 'रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम् '
यह किस आचार्य की उक्ति है ?
उत्तर -
पंडितराज जगन्नाथ की ।
प्रश्न 31 . 'सुरम्यता ही कमनीय कान्ति है , अमूल्य आत्मा रस है मनोही ।
शरीर तेरा
शब्दार्थ मात्र है , नितांत
निष्कर्ष यही यही यही ॥ ' ये किस कवि की पंक्तियाँ हैं ?
उत्तर - महावीर प्रसाद द्विवेदी की ।
प्रश्न 32.'काव्य आत्मा की संकल्पात्मक अनुभूति है
जिसकासंबंध विश्लेषण विकल्प । विज्ञान से नहीं है ' - ये
पंक्तियाँ किस साहित्यकार की हैं ?
उत्तर - जयशंकर
प्रसाद की ।
प्रश्न 33. जिस
प्रकार आत्मा की मुक्तावस्था ज्ञान - दशा कहलाती है , उसी प्रकार हृदय जी मुक्तावस्था रस - दशा
कहलाती है ' - यह कथन किस आचार्य का है ?
उत्तर-
रामचन्द्र शुक्ल का ।
प्रश्न 34. 'कविता हमारे परिपूर्ण क्षणों की वाणी है '
- यह पंक्ति किस साहित्यकार
उत्तर -
सुमित्रानंदन पंत की ।
प्रश्न 35 . 'मानहुँ विधि तन अच्छ छवि , स्वच्छरनरिये काज ।
दृगपग पोंछन को
किये, भूषन पायन्दाज ।'
ये पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
उत्तर -
बिहारीलाल की ।
प्रश्न 36 . 'उर भौन में मौन को धूंघट से ,
दुरि बैठि विराजति
बात बनी ।
मृदुमंज पदारथ
भूषण सों , सुलझै हुलसै रस रूप मनी ॥ '
ये किस कवि की
पंक्तियाँ हैं ?
उत्तर - घनानन्द
की ।
प्रश्न 37. 'उचितं प्रण्डुराचार्याः सदृशं किस यस्त यत् ।
उचितस्य यो भामह
तदौचित्यं प्रचक्षते । ' ये पंक्तियाँ किस आचार्य की हैं ?
उत्तर -
क्षेमेन्द्र की ।
प्रश्न 38. 'शक्तिनिपुणतालोकशास्त्रकाव्यायवेक्षणात्,
काव्यज्ञ शिक्षया भास
इति हेतुस्तदुद्भवे।' ये पंक्तियाँ किस आचार्य की हैं ?
उत्तर- मम्मट की
।
प्रश्न 39. 'शक्तिनिपुणतालोक मन, व्युत्पत्ति बरद्वभास ।
अरु प्रतिभा तै
होत है , ताको
ललित प्रकास । ' ये पंक्तियाँ किस आचार्य की हैं ?
उत्तर- श्रीपति
की ।
प्रश्न 40. 'येरसस्यांगिनोधर्माःशौर्यादयइवात्यनः ।
उलषेहे तथार्तेस्यश्चल
स्थितयो गुणाः । यह कथन किस आचार्य का है ?
उत्तर- मम्मट का
।
प्रश्न 41. 'कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि । कहत लखन सुन राम हृदय गुनि
॥
मनहु मदन
दुन्दुभी दीन्ही । मनसा विस्वविजय कह कीन्हीं । '
ये पंक्तियाँ किस
काव्य की हैं? उत्तर - रामचरित मानस की ।
'वह आता, दो टूक कलेजे के करता, पछताता पथ पर आता । ' ये पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
उत्तर - निराला की ।
प्रश्न 43 . 'थरकार कापैत कुतुव साहि गोल कुहो,
हरि हवस भूप मीर
भरकति है । राजा सिवराज के नगारन की धाम सुनि ,
केते पातसाहन की छाती
दरकति है । ' यह किस शब्द - गुण का उदाहरण है ?
उत्तर - ओज का ।
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