Saturday, 15 May 2021

 UGC/NET/JRF/HINDI KAVYASHASTRA/MCQ/PYQ

प्रश्न 24. 'कीरति भनिति भूति भलि सोई ।

सुरसरि सम सबकर हित होई ॥ ये पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?

उत्तर - गोस्वामी तुलसीदासजी की ।

प्रश्न 25. 'धर्मार्थ काममोक्षेषु वैचक्षण्यं कलाम च ।

करोति प्रीति कीर्तिं च साधु काव्य निषेधयणाम् ॥ " ये पंक्तियों किस आचार्य की हैं ?

उत्तर- भामह की ।

26 . औ मन जानि कवित अस कीन्हा ।

मकु यह रहै जगत् महं चीन्हा ॥ ये पंक्तियाँ किस कवि की है ?

उत्तर- मलिक मोहम्मद जायसी की ।

प्रश्न 27. 'एक लहै तप पुंजन के फल, जो तुलसी अरु सूर गुसाईं ।

एक लहहिं बहु सम्पत्ति के सुख , भूषन ज्यौं दरबार बड़ाई ।

एकन को जस ही सौं प्रयोजन , है रसखानि रहीम की नाई ।

दस कवितन की चरचा , बुधिसुख , बन्तनको सुखदै सबठाई ।

यह कथन किस आचार्य का है ?

उत्तर - भिखारी दास का ।

प्रश्न 28 . 'कीरति भनिति भूति भलि सोई ।

सुरसरि सम सब कह हित होई ॥' यह कथन किस कवि का है ?

उत्तर - गोस्वामी तुलसीदासजी का ।

प्रश्न 29 . 'अपारे काव्य संसारे कविरेव प्रजापतिः ।

यथास्मै रोचते विश्वं तदेव परिवर्तते । ' ये किस ग्रंथ की पंक्तियाँ हैं ?

उत्तर - अग्निपुराण की ।

प्रश्न 30. 'रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम् ' यह किस आचार्य की उक्ति है ?

उत्तर - पंडितराज जगन्नाथ की ।

प्रश्न 31 . 'सुरम्यता ही कमनीय कान्ति है , अमूल्य आत्मा रस है मनोही ।

शरीर तेरा शब्दार्थ मात्र है , नितांत निष्कर्ष यही यही यही ॥ ' ये किस कवि की पंक्तियाँ हैं ? उत्तर - महावीर प्रसाद द्विवेदी की ।

प्रश्न 32.'काव्य आत्मा की संकल्पात्मक अनुभूति है जिसकासंबंध विश्लेषण विकल्प । विज्ञान से नहीं है ' - ये पंक्तियाँ किस साहित्यकार की हैं ?

उत्तर - जयशंकर प्रसाद की ।

प्रश्न 33. जिस प्रकार आत्मा की मुक्तावस्था ज्ञान - दशा कहलाती है , उसी प्रकार हृदय जी मुक्तावस्था रस - दशा कहलाती है ' - यह कथन किस आचार्य का है ?

उत्तर- रामचन्द्र शुक्ल का ।

प्रश्न 34. 'कविता हमारे परिपूर्ण क्षणों की वाणी है ' - यह पंक्ति किस साहित्यकार

उत्तर - सुमित्रानंदन पंत की ।

प्रश्न 35 . 'मानहुँ विधि तन अच्छ छवि , स्वच्छरनरिये काज ।

दृगपग पोंछन को किये, भूषन पायन्दाज ।' ये पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?

उत्तर - बिहारीलाल की ।

प्रश्न 36 . 'उर भौन में मौन को धूंघट से , दुरि बैठि विराजति बात बनी ।

मृदुमंज पदारथ भूषण सों , सुलझै हुलसै रस रूप मनी ॥ ' ये किस कवि की पंक्तियाँ हैं ?

उत्तर - घनानन्द की ।

प्रश्न 37. 'उचितं प्रण्डुराचार्याः सदृशं किस यस्त यत् ।

उचितस्य यो भामह तदौचित्यं प्रचक्षते । ' ये पंक्तियाँ किस आचार्य की हैं ?

उत्तर - क्षेमेन्द्र की ।

प्रश्न 38. 'शक्तिनिपुणतालोकशास्त्रकाव्यायवेक्षणात्, काव्यज्ञ शिक्षया भास इति हेतुस्तदुद्भवे।' ये पंक्तियाँ किस आचार्य की हैं ?

उत्तर- मम्मट की ।

प्रश्न 39. 'शक्तिनिपुणतालोक मन, व्युत्पत्ति बरद्वभास ।

अरु प्रतिभा तै होत है , ताको ललित प्रकास । ' ये पंक्तियाँ किस आचार्य की हैं ?

उत्तर- श्रीपति की ।

प्रश्न 40. 'येरसस्यांगिनोधर्माःशौर्यादयइवात्यनः ।

उलषेहे तथार्तेस्यश्चल स्थितयो गुणाः ।  यह कथन किस आचार्य का है ?

उत्तर- मम्मट का ।

प्रश्न 41. 'कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि । कहत लखन सुन राम हृदय गुनि ॥

मनहु मदन दुन्दुभी दीन्ही । मनसा विस्वविजय कह कीन्हीं । ' ये पंक्तियाँ किस काव्य की हैं? उत्तर - रामचरित मानस की ।

'वह आता, दो टूक कलेजे के करता, पछताता पथ पर आता । ' ये पंक्तियाँ किस कवि की हैं ? उत्तर - निराला की ।

प्रश्न 43 . 'थरकार कापैत कुतुव साहि गोल कुहो, हरि हवस भूप मीर भरकति है । राजा सिवराज के नगारन की धाम सुनि , केते पातसाहन की छाती दरकति है । ' यह किस शब्द - गुण का उदाहरण है ?

उत्तर - ओज का ।

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