भाषा की उत्पत्ति /प्रमुख सिद्धान्त/ भाषा की विशेषताएँ/ भाषा रूप/UGC/NET/JRF/MCQ/PYQ
भाषा की उत्पत्ति के प्रमुख सिद्धान्त तथा उसके प्रवर्तक
निम्नलिखित हैं_--
सिद्धान्त प्रवर्तक
दिव्योत्पत्ति ( Divine Theory ) प्राचीन धर्म ग्रन्थ
संकेत ( Agreement Throry ) रूसो
रणन ( Ding - Dong Theory ) प्लेटो , हेस एवं मैक्समूलर
इंगित ( Gesture Theory ) डॉ ० राये
धातु ( Root Theory ) हेज
और मैक्समूलर
श्रम ध्वनि ( Yo - He - Ho Theory ) न्यारे
सम्पर्क ( Contect Theory )
जी ० रेवेज
समन्वय हेनरी
स्वीट
सन् 1866 ई० में पेरिस में भाषा विज्ञान की एक समिति ‘ला सिसिएते द लेगिस्तीक '
ने अपने अधिनियम में निर्देश दिया कि '
भाषा की उत्पत्ति और
विश्वभाषा - निर्माण ' इन दो विषयों पर विचार नहीं किया जाएगा ।
भाषा की विशेषताएँ एवं प्रवृत्तियाँ निम्नांकित हैं ----
--भाषा सामाजिक सम्पत्ति है ।
--भाषा सतत प्रवहमान, सहज और नैसर्गिक होता है ।
-- भाषा अर्जित सम्पत्ति है ।
--भाषा परिवर्तनशील है ।
--भाषा भाव- सम्प्रेषण का माध्यम है ।
--भाषा अर्जित सम्पत्ति है ।
--भाषा अनुकरण से सीखी जाती है।
--भाषा जटिलता से सरलता तथा संयोगात्मकता से वियोगात्मकता
की ओर उन्मुख होती है ।
--भाषा परम्परागत वस्तु है ।
--प्रत्येक भाषा की संरचना पृथक होती है ।
--भाषा विकास के प्रमुख चरण क्रमश : निम्न हैं
आंगिक,, वाचिक,,
लिखित,, यान्त्रिक ।
भाषा के विविध रूप होते है जो निम्न हैः-
(1) मानक या परिनिष्ठित भाषा ( STANDARD LANGUAGE ),
(2) विभाषा, उपभाषा , प्रान्तीय भाषा या बोली ( DIALECT )
(3) अपभाषा, अपभ्रष्ट भाषा, या अमानक भाषा ( SLANG )
(4) विशिष्ट भाषा ( Professional
Language )
(5) कूट भाषा ( Secret
Language )
(6) कृत्रिम भाषा ( Artificial
Language )
(7) राष्ट्रभाषा ( National
Language ) |
विश्व
की सभी भाषाओं की संख्या 2796 बताई है । किन्तु कुछ विद्वान अनुमानतः इसको संख्या
3000 बताते हैं । संसार की भाषाओं के दो
प्रकार के वर्गीकरण हैं—
(1) आकृति मूलक
वर्गीकरण और ( 2 ) पारिवारिक वर्गीकरण ।
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