राजभाषा हिंदी और अधिनियमः-
राजभाषा अधिनियम,
1976 के अधीन
केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों को तीन वर्ग क्षेत्रों में विभाजित किया गया है ,
जो निम्न हैः-
क-वर्ग के क्षेत्र ख- वर्ग के क्षेत्र ग- वर्ग के
क्षेत्र
(पत्र-व्यवहार हिन्दी
में) ( पत्र- व्यवहार में द्विभाषिक) ( पत्र- व्यवहार अंग्रेजी में)
उत्तर - प्रदेश पंजाब
पश्चिम
बंगाल
मध्य प्रदेश गुजरात
उड़ीसा
राजस्थान महाराष्ट्र उत्तरपूर्वी क्षेत्र
चण्डीगढ़
द्रविड़ भाषी
क्षेत्र
हिमाचल प्रदेश अण्डमान-निकोबार
हरियाणा
दिल्ली
चूंकि हिंदी को
संविधान सभा ने 14 सितंबर , हिंदी 1949 को राजभाषा के रूप में अंगीकार राष्ट्रभाषा किया
,
इसलिए भारतवर्ष में
प्रत्येक 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है । पहला विश्व हिंदी
सम्मेलन 10 जनवरी , 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था ,
इसलिए अब प्रतिवर्ष
10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की परंपरा भी चल पड़ी है।
संवैधानिक प्रावधानों
के अनुसार संविधान लागू होने के दिन से 15 वर्षों तक हिंदी के साथ - साथ अंग्रेजी
को भी भारत संघ की सह - राजभाषा के रूप में जारी रखा जाना था और उसके बाद हिंदी को
ही पूरी तरह से राजभाषा के रूप में लागू कर दिया जाना था ।
26 जनवरी ,
1950 को भारत का संविधान
लागू हुआ , तदनुसार 26 जनवरी , 1965 से हिंदी को पूरी तरह से राजभाषा के रूप में लागू हो
जाना था उसी को ध्यान मे रखकर भारत की संसद ने 1963 में राजभाषा अधिनियम पारित
किया, हालांकि परिस्थितिजन्य कारकों के चलते 1967 में उसमें कतिपय संशोधन करने
पड़े । उसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत राजभाषा नियम 1976 बने तथा संसदीय
राजभाषा के समिति आदि का गठन हुआ ।
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