UGC NET Hindi subject
syllabus:-
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
नेट - ब्यूरो
Code No. 20
विषय - हिन्दी
पाठ्यक्रम इकाई -1 हिन्दी भाषा और उसका विकास ।
हिन्दी की ऐतिहासिक
पृष्ठभूमि : प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएं , मध्यकालीन भारतीय
आर्य भाषाएं पालि , प्राकृत - शौरसेनी , अर्द्धमागधी , मागधी , अपभ्रंश और उनकी विशेषताएं , अपभ्रंश अवहठ , और पुरानी हिन्दी का संबंध , आधुनिक
भारतीय आर्य भाषाएं और उनका वर्गीकरण । हिन्दी का भौगोलिक विस्तार : हिन्दी की
उपभाषाएं , पश्चिमी हिन्दी , पूर्वी हिन्दी , राजस्थानी , बिहारी तथा पहाड़ी वर्ग और उनकी बोलियां । खड़ीबोली , ब्रज और अवधी की विशेषताएं । हिन्दी के विविध रूप : हिन्दी , उर्दू , दक्खिनी , हिन्दुस्तानी। हिन्दी का भाषिक स्वरूप : हिन्दी की स्वनिम व्यवस्था -
खंड्य और खंड्येतर , हिन्दी ध्वनियों के वर्गीकरण
का आधार , हिन्दी शब्द रचना -उपसर्ग , प्रत्यय , समास , हिन्दी की रूप रचना - लिंग , वचन और कारक
व्यवस्था के सन्दर्भ में संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण और क्रिया रुप , हिन्दी - बाक्य -
रचना । हिन्दी भाषा - प्रयोग के विविध रूप : बोली , मानक भाषा , राजभाषा , राष्ट्रभाषा और सम्पर्क भाषा । संचार माध्यम और हिन्दी , कम्पूटर और हिन्दी , हिन्दी की संवैधानिक
स्थिति । देवानागरी लिपि : विशेषताएं और मानकीकरण ।
इकाई - ॥
हिन्दी साहित्य का इतिहास
हिन्दी साहित्येतिहास दर्शन हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की पद्धतियां हिन्दी
साहित्य का कालविभाजन और नामकरण , आदिकाल की
विशेषताएं एवं साहित्यिक प्रवृतियां , रासो -
साहित्य , आदिकालीन हिन्दी का जैन साहित्य , सिद्ध और नाथ साहित्य , अमीर खुसरो की
हिन्दी कविता , विद्यापति और उनकी पदावली तथा
लौकिक साहित्य भक्तिकाल भक्ति - आंदोलन के उदय के सामाजिक - सांस्कृतिक कारण , भक्ति - आंदोलन का अखिल भारतीय स्वरुप और उसका अन्तःप्रादेशिक वैशिष्ट्य ।
भक्ति काव्य की सामाजिक - सांस्कृतिक पृष्ठभूमि , आलवार
सन्त । भक्ति काव्य के प्रमुख सम्प्रदाय और उनका वैचारिक आधार । निर्गुण - सुगण
कवि और उनका काव्य ।
रीतिकाल सामाजिक -
सांस्कृतिक पृष्टभूमि , रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियां
( रीतिबद्ध , रीतिसिद्ध , रीतिमुक्त ) रीतिकवियों का आचार्यत्व । रीतिकाल के प्रमुख कवि और उनका
काव्य आधुनिक काल हिन्दी गद्य का उद्भव और विकास ।
भारतेन्दु पूर्व हिन्दी गद्य , 1857 की क्रान्ति और सांस्कृतिक पुनर्जागरण , भारतेन्दु
और उनका युग , पत्रकारिता का आरम्भ और 19 वीं शताब्दी की हिन्दी पत्रकारिता , आधुनिकता
की अवधारणा ।
द्विवेदी युग : महावीर
प्रसाद द्विवेदी और उनका युग , हिन्दी नवजागरण और
सरस्वती , राष्ट्रीय काव्य धारा के प्रमुख कवि , स्वछन्दतावाद और उसके प्रमुख कवि ।
छायावाद : छायावादी काव्य की
प्रमुख विशेषताएं , छायावाद के प्रमुख कवि , प्रगतिवाद की
अवधारणा , प्रगतिवादी काव्य और उसके प्रमुख कवि , प्रयोगवाद और नई कविता , नई कविता के कवि , समकालीन कविता ( वर्ष 2000 तक ) समकालीन
साहित्यिक पत्रकारिता। हिन्दी साहित्य की गद्य विधाएं हिन्दी उपन्यास : भारतीय
उपन्यास की अवधारणा । प्रेमचन्द पूर्व उपन्यास , प्रेमचन्द
और उनका युग। प्रेमचन्द के परवर्ती उपन्यासकार ( वर्ष 2000 तक ) ।
हिन्दी कहानी : हिन्दी कहानी
का उद्भव और विकास ,
20 वीं सदी की हिन्दी कहानी और प्रमुख कहानी आंदोलन एवं प्रमुख
कहानीकार । हिन्दी नाटक : हिन्दी नाटक और रंगमंच , विकास के चरण , भारतेन्दुयुग , प्रसाद युग , प्रसादोत्तर युग , स्वातंत्र्योत्तर युग , साठोत्तर युग और
नया नाटक प्रमुख नाट्यकृतियाँ , प्रमुख नाटककार (
वर्ष 2000 तक ) । हिन्दी एकांकी । हिन्दी रंगमंच
और विकास के चरण , हिन्दी का लोक रंगमंच । नुक्कड़
नाटक ।
हिन्दी निबंध : हिन्दी
निबन्ध का उद्भव और विकास , हिन्दी निबंध के प्रकार और
प्रमुख निबंधकार हिन्दी आलोचना- हिन्दी आलोचना का उद्भव और विकास । समकालीन हिन्दी
आलोचना एवं उसके विविध प्रकार । प्रमुख आलोचक ।
2 हिन्दी की अन्य गद्य
विधाएँ : रेखाचित्र , संस्मरण , यात्रा साहित्य , आत्मकथा , जीवनी और रिपोर्ताज , डायरी । हिन्दी का
प्रवासी साहित्य : अवधारणा एवं प्रमुख साहित्यकार ।
इकाई –III
साहित्यशास्त्र काव्य के लक्षण , काव्य
हेतु और काव्य प्रयोजन ।
प्रमुख संप्रदाय और
सिद्धान्त - रस , अलंकार , रीति , ध्वनि, वक्रोक्ति और औचित्य । रस निष्पत्ति , साधारणीकरण । शब्दशक्ति , काव्यगुण , काव्य दोष प्लेटो के काव्य सिद्धान्त।
अरस्तू : अनुकरण सिद्धान्त , त्रासदी
विवेचन , विरेचन सिद्धान्त । वर्ड्सवर्थ का
काव्यभाषा सिद्धान्त । कॉलरिज : कल्पना और फैंटेसी । टी.एस.इलिएट : निर्वैयक्तिकता
का सिद्धान्त , परम्परा की अवधारणा ।
आई.ए.रिचर्ड्स : मूल्य सिद्धान्त , संप्रेषण
सिद्धान्त तथा काव्य - भाषा सिद्धान्त । रूसी रुपवाद । नयी समीक्षा । मिथक , फन्तासी , कल्पना , प्रतीक , बिम्ब ।
इकाई –IV
वैचारिक पृष्ठभूमि
भारतीय नवजागरण और स्वाधीनता
आन्दोलन की वैचारिक पृष्ठभूमि हिन्दी नवजागरण । खड़ीबोली आन्दोलन । फोर्ट विलियम
कॉलेज भारतेन्दु और हिन्दी नवजागरण , महावीर प्रसाद
द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण गांधीवादी दर्शन अम्बेडकर दर्शन लोहिया दर्शन
मार्क्सवाद , मनोविश्लेषणवाद , अस्तित्ववाद , उत्तर आधुनिकतावाद , अस्मितामूलक विमर्श ( दलित , स्त्री , आदिवासी एवं अल्पसंख्यक )
इकाई- V
हिन्दी कविता-
पृथ्वीराज रासो- रेवा तट
अमीरखुसरो- खुसरों की
पहेलियाँ और मुकरियाँ
विद्यापति की पदावली (
संपादक - डॉ . नरेन्द्र झा ) - पद संख्या 1-25
कबीर - ( सं.- हजारी प्रसाद
द्विवेदी ) - पद संख्या -160 - 209
जायसी ग्रंथावली - ( सं .
राम चन्द्र शुक्ल ) - नागमती वियोग खण्ड
सूरदास - भ्रमरगीत सार- (
सं.- राम चन्द्र शुक्ल ) - पद संख्या 21 से 70
तुलसीदास - रामचरितमानस , उत्तर
काण्ड
बिहारी सतसई- ( सं.- जगन्नाथ
दास रवाकर ) - दोहा संख्या 1-50
घनानन्द कवित्त - ( सं.-
विश्वनाथ मिश्र ) - संख्या 1-30
मीरा- ( सं.- विश्वनाथ
त्रिपाठी ) -प्रारम्भ से 20 पद
अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
- प्रियप्रवास
मैथिलीशरण गुप्त - भारत
भारती , साकेत ( नवम् सर्ग )
जयशंकर प्रसाद - आंसू , कामायनी
( श्रद्धा , लज्जा , इड़ा )
निराला - जुही की कली , जागो
फिर एक बार , सरोजस्मृति , राम की शक्तिपूजा , कुकरमुत्ता , बाँधो न नाव इस ठाँव बंधु ।
सुमित्रानंदन पंत - परिवर्तन , प्रथम
रश्मि
महादेवी वर्मा - बीन भी हूँ
मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ . मै नीर भरी दुख की बदली , फिर
विकल है प्राण मेरे , यह मन्दिर का दीप इसे नीरव
जलने दो , द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र
रामधारी सिंह दिनकर - उर्वशी
( तृतीय अंक ) , रश्मिरथी
नागार्जुन - कालिदास , बादल
को घिरते देखा है , अकाल और उसके बाद , खुरदरे पैर , शासन की बंदूक , मनुष्य हूँ ।
सच्चिदानंद हीरानन्द
वात्स्यायन अज्ञेय - कलगी बाजरे की , यह दीप अकेला , हरी घास पर क्षण भर , असाध्यवीणा , कितनी नावों में कितनी बार
भवानीप्रसाद मिश्र - गीत
फरोश , सतपुड़ा के जगल
मुक्तिबोध - भूल गलती , ब्रह्मराक्षस , अंधेरे में
धूमिल - नक्सलबाड़ी , मोचीराम , अकाल दर्शन , रोटी और संसद।
इकाई -VI
हिन्दी उपन्यास
पं. गौरीदत्त - देवरानी
जेठानी की कहानी।
लाला श्रीनिवास दास -
परीक्षा गुरू।
प्रेमचन्द - गोदान।
अज्ञेय -शेखर एक जीवनी ( भाग
-1 )।
हजारी प्रसाद द्विवेदी -
बाणभट्ट की आत्मकथा।
फणीश्वर नाथ रेणु - मैला
आंचल।
यशपाल - झूठा सच।
अमृत लाल नागर - मानस का
हंस।
भीष्म साहनी- तमस।
श्रीलाल शुक्ल - राग दरबारी।
कृष्णा सोबती- जिन्दगीनामा।
मन्नू भंडारी- आपका बंटी।
जगदीश चन्द्र - धरती धन न
अपना ।
इकाई -VII -
हिन्दी कहानी,
राजेन्द्र बाला घोष ( बंग
महिला ) - चन्द्रदेव से मेरी बातें , दुलाईवाली।
माधवराव सप्रे - एक टोकरी भर
मिट्टी।
सुभद्रा कुमारी चौहान -
-राही।
प्रेमचंद - ईदगाह , दुनिया
का अनमोल रतन।
राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह
- कानों में कंगना।
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी- उसने
कहा था।
जयशंकर प्रसाद - आकाशदीप।
जैनेन्द्र - अपना - अपना
भाग्य।
फणीश्वरनाथ रेणु - तीसरी कसम , लाल
पान की बेगम।
अज्ञेय - गैंग्रीन।
शेखर जोशी- कोसी का घटवार।
भीष्म साहनी - अमृतसर आ गया
है , चीफ की दावत।
कृष्णा सोबती - सिक्का बदल
गया।
हरिशंकर परसाई - इस्पेक्टर
मातादीन चांद पर।
ज्ञानरंजन - पिता।
कमलेश्वर - राजा निरबसिया।
निर्मल वर्मा - परिंदे।
इकाई -VIII
हिन्दी नाटक,
भारतेन्दु - अंधेर नगरी , भारत
दुर्दशा।
जयशंकर प्रसाद – चन्द्रगुप्त , स्कंदगुप्त , ध्रुवस्वामिनी।
धर्मवीरभारती - अंधायुग।
लक्ष्मीनारायण लाल - सिंदूर
की होली।
मोहन राकेश - आधे - अधूरे , आषाढ़
का एक दिन।
हबीब तनवीर - आगरा बाज़ार।
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना -
बकरी।
शंकरशेष – एक
और द्रोणाचार्य।
उपेन्द्रनाथ अश्क - अंजो
दीदी।
मन्नू भंडारी - महाभोज।
इकाई- IX
हिन्दी निबंध,
भारतेन्दु - दिल्ली दरबार
दर्पण , भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है।
प्रताप नारायण मिश्र -
शिवमूर्ति।
बाल कृष्ण भट्ट - शिवशंभु के
चिठे।
रामचन्द्र शुक्ल - कविता क्या
है।
हजारी प्रसाद द्विवेदी -
नाखून क्यों बढ़ते हैं।
विद्यानिवास मिश्र - मेरे
राम का मुकुट भीग रहा है।
अध्यापक पूर्ण सिंह - मजदूरी
और प्रेम।
कुबेरनाथ राय -
उत्तराफाल्गुनी के आस - पास।
विवेकी राय - उठ जाग
मुसाफिर।
नामवर सिंह – संस्कृति
और सौंदर्य।
इकाई -X
आत्मकथा , जीवनी
तथा अन्य गद्य विधाएं,
रामवृक्ष बेनीपुरी - माटी की
मूरतें।
महादेवी वर्मा – ठकुरी
बाबा।
तुलसीराम - मुर्दहिया
शिवरानी देवी - प्रेमचन्द घर
में।
मन्नू भंडारी - एक कहानी यह
भी।
विष्णु प्रभाकर - आवारा
मसीहा।
हरिवंशराय बच्चन - क्या
भूलूँ क्या याद करूँ।
रमणिका गुप्ता - आपहुदरी।
हरिशंकर परसाई - भोलाराम का
जीव।
कृष्ण चन्दर - जामुन का
पेड़।
दिनकर - संस्कृति के चार
अध्याय।
मुक्तिबोध - एक लेखक की
डायरी।
राहुल सांकृत्यायन - मेरी
तिब्बत यात्रा।
अज्ञेय - अरे यायावर रहेगा
याद।